Wednesday, June 3, 2020

पलक्कड़ ,केरल, 27 मार्च 2020, मानव हैं बस मानवता खत्म हो गई,

अनानास में बम लगाकर जानवरो को मारने का तरीका गलत हैं फिर क्यों राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दी? घायल गर्भवती कई दिन पानी मे खड़ी रही पर किसी ने इलाज नही कराया, फारेस्ट ऑफिसर्स पर क्यों नही कार्यवाही हुई? शिकारी रहित कब होंगे हमारे जंगल? फारेस्ट ऑफिसर्स को सब पता होता है ओर उनका पूरा सपोर्ट होता हैं शिकारियों को!! हर तीसरे दिन एक हाथी मरता हैं, zoo से, सर्कस से, मंदिरों से, प्राइवेट ओनरशिप से कब आज़ाद होंगे हाथी? क्यों जानवरो को उनके हाल पर नही छोड़ देते? क्यों उनकी जगहों पर हम कब्ज़ा कर रहे हैं? क्यों सरकार मूक बनी सब देखती रहती हैं? क्यों रेलवे लाइन पर इतने हाथी मर जाते हैं फिर भी कुछ करने के बजाय सब यू ही चलता रहता हैं? जब हम lockdown में घर मे रहने से बोर हो गये तो ज़रा इन जानवरों पक्षियों के बारे में भी सोचो जो पूरे जीवन में खुले आसमान के तले खुली हवा में साँस भी नही ले सके😢 ,
क्यों नही सख्त कानून बनते? जानवरो पर रोज़ अत्याचार हो रहे पर सब चुप , इंसानियत मर चुकी,
कब तक यू ही चलता रहेगा? क्यों जानवरो के लिए मन मे प्यार कम हो गया? क्या जानवरो पशु पक्षियों को दर्द नही होता? क्या उनको भूख नही लगती? क्या उनको जीने का अधिकार नही हैं? क्या यह पृथ्वी सिर्फ इंसानों के लिए बनी हैं? इंसान में इंसानियत नगण्य होती जा रही हैं तभी तो हर जगह सिर्फ अराजकता ही देखने को मिलती हैं, प्रकृति से प्यार नही रहा, पेड़ो को बेहिसाब काट रहे हैं, ऐसा लग रहा हैं कि पृथ्वी विनाश की तरफ अग्रसर हो रही हैं, 
वे इंसान नही हैवान है, वे इंसान नही दानव हैं , इंसान को छोड़कर वे कुछ भी हो सकते हैं बस इंसान नही हो सकते

Tuesday, June 2, 2020

जानवर इंसान से बेहतर होते हैं.......यदि जानवर बोल सकते तो मुझको इंसानों को दोस्त बनाने की जरूरत नही पड़ती...

Woh roz meri gali mein dabe paon chala aata hai..
Uska chupke se aana logon ko nahi bhaata hai..
Uski neeyat toh bas do tukde roti ki hoti hai..
Phir kyun har koi usko door bhaga jaata hai?
Woh roz meri gali mein dabe paon chala aata hai..

Uski aankhon ka darr meri rooh qatal karta hai..
Uska darr se yun ladkhadaana..dil mein hulchul karta hai..
Main haath mein apne roti le jo usko paas bulaun..
Woh dheere dheere meri or do kadam chalta hai..
Phir uske uljhe baalon mein jab haath main apna pherun..
Woh chaat ke mere haath apna pyaar jata jaata hai..
Woh roz meri gali mein dabe paon chala aata hai..

Uske jaise jaane kitne gaadiyon ke neeche dabte hain..
Uske jaise kitne roz bhookhe pyaase marte hain..
Uski toh do gaj zameen bhi naseeb nahi hoti hai..
laash ke tukde usko jaison ke naalon mein sadte hain..
Garmi ho ya sardi ho...Usko naa raaha milti..
Phir jaane kyun sab "Every dog has his day" karte hain..
Woh bhola hai...itna pitne ke baad bhi...bharosa woh dikhata hai..
Woh roz meri gali mein dabe paon chala aata hai..

Hum insaan hain par insaan jaisa gun na hum mein koi..
Khud ko buddhijeev kehte hain par sharm na hum mein koi..
Hum toh apne bachon ka hi sauda kar dete hain..
Dharm ke naam pe roz rakshas paida kar dete hain..
Phir kutta kis khet ki mooli hai..woh toh roz hi chadhta sooli hai..
Hum daya bhaav sirf panditon ke kehne pe hi  dikhate hain..
bas woh hi hai..jo bina swarth ke saath hamesha nibhata ha..
Woh roz meri gali mein dabe paon chala aata hai..!

**यह मेरी रचना नही हैं किसी ने SM पर मुझको fwd की थी, मुझे यह इतनी अच्छी लगी की आप सब से साझा करने से खुद को ना रोक सकी**
बस एक बात कहना चाहती हूँ कि हम लोग इंसान हैं तो हमको इंसानियत दिखानी चाहिए फिर क्यों हम इंसानियत की जगह हैवानियत दिखाते हैं....

Wednesday, January 22, 2020

प्रदूषण.... निवारण

प्रदूषण आज की सबसे बड़ी समस्या हैं और भविष्य के लिए चेतावनी...
बाहर की हवा को प्रदूषण रहित करने के लिए हम पीपल, नीम, अशोक, बरगद आदि के पेड़ लगाते हैं....पर शहरों में समस्या और भी गम्भीर हैं, क्योंकि पेड़ लगाने की जगह ही नही बची, पर जिनके आस-पास पार्क हैं वे पार्क में उपरोक्त पेड़ ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लगा सकते हैं और प्रदूषण को कुछ हद तक कम किया जा सकता हैं..
हम सोचते हैं कि घर के दरवाजे खिड़कियाँ बंद करने से अंदर की हवा शुद्ध और साफ रहती हैं तो ये वहम हैं हमारा,
घर मे रोज़ हम इतने केमिकल प्रयोग करते हैं कि हवा बाहर से ज्यादा अंदर की खराब रहती हैं और घर की हवा साफ करने के लिए महंगे महंगे एयर प्यूरीफायर लगवाते हैं जो 100 % रिजल्ट नही देते,
तो क्यों ना हम कुछ ऐसे इंडोर प्लांट्स लगाए जिससे 100 % घर के अंदर की हवा साफ हो जाये जैसे तुलसी, aloe vera, स्पाइडर प्लांट, Sansevieria (snake plants).....
Sansevieria  हार्ड plant के अंतर्गत आते हैं...means कभी ना मरने वाले प्लांट्स, आप इनको लगा कर भूल भी जाये तो भी ये जीवित ही रहेंगे, 2-3 पौधे ही काफी हैं एक 100 गज़ के घर की हवा को साफ करने के लिए, 
ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाए और साफ हवा का आनंद उठाये...
शुभ पौधा रोपण 🌱🌱

Monday, August 19, 2019

स्वार्थी होता इंसान


आजकल के समय को देखते हुए ऐसा लगता हैं इंसान खुद को खुदा समझने लगा हैं...
इंसान ओर जानवर में सबसे बड़ा अंतर यह हैं कि इंसान स्वार्थी होता हैं...जानवर नही....
सिर्फ जबान ही इंसान को जानवर से बेहतर बनाती हैं...
या यह कह सकते हैं कि यदि जानवर भी बोल सकते तो उनकी वैल्यू इंसान से ज्यादा होती...
इंसान अपने गुरुर ओर स्वार्थ में इतना अंधा हो चुका हैं कि ना तो यह देख पा रहा हैं कि उसके कर्मो से पृथ्वी तबाह होने की तरफ अग्रसर होती जा रही हैं...
प्रकृति के साथ ताल मेल तो कब का छोड़ चुका हैं इंसान...
पूरा देश बाढ़ के आग़ोश मे हैं...जिसका भुगतान जानवरो को भी अपनी जान दे कर करना पड़ रहा है ....
पेड़ काटने पर अंकुश नही लग पा रहा है... जानवरो पर इतने अत्याचार हो रहे हैं... इंसान इतना डिप्रेसन में आ चुका हैं कि वो घर का गुस्सा बाहर या जानवरो पर उतारने लगा हैं...
पैसे कमाने की होड़ में अपनों से ही दूर होता जा रहा हैं...
जानवरो के साथ थोड़ा समय व्यतीत कर के डिप्रेसन कम होता हैं...कभी कभी गौ शाला घूम आओ , गौ वंश को हरा चारा खिला दो, सड़क पर रह रहे कुत्तो को रोटी दे दो..
चिड़ियों के लिए दाना पानी छत पर रख दो...
किसी गरीब, भिखारी को खाना /कपड़ा दे दो...
क्या किसी ने नोटिस किया हैं..जब हम बिना स्वार्थ के किसी की मदद करते हैं तो अंदर संतोष आता हैं.....!!
मुझे cmmnt में अपने विचार बताए कि कब आपको अंदर से संतोष की भावना आती हैं...?

Sunday, August 11, 2019

Tuesday, June 11, 2019

नारी सम्मान

जाने क्यों नारी के सम्मान में मोमबत्तियां पकड़ना सीख गए,
वरना महाभारत और रामायण वाली संस्कृति हैं हमारी

Thursday, May 9, 2019

सबक

सबक सिर्फ किताबो से ही नही मिलता,,,,
असली सबक तो तजुर्बों से मिलता हैं....

पलक्कड़ ,केरल, 27 मार्च 2020, मानव हैं बस मानवता खत्म हो गई,

अनानास में बम लगाकर जानवरो को मारने का तरीका गलत हैं फिर क्यों राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दी? घायल गर्भवती कई दिन पा...